Tuesday, 27 June 2017

Hindi Blog me AdSense Account कैसे बनाए

Hindi Blog के लिए AdSense Account कैसे बनाए


दोस्तो आज आप ये जानने जा रहे हो की 

AdSense Account एकाउंट  कैसे बनाते हैं 

आप ने जरुर Adsense के बारे में सुना होगा जो की Google का product है.

यह internet पर एक बहुत ही महत्वपूर्ण advertisement प्रोग्राम है जो website/blog पर  विज्ञापन प्रदान करती है.  हिंदी ब्लॉग के लिए यह सबसे अच्छा विज्ञापन हैं.

इस पोस्ट के माध्यम से मैं आप को समझाना चाहता हूँ  की आप कैसे अपने website/blog के लिए AdSense account बना सकते है.
वैसे तो internet पर बहुत से Adsense जैसे money making website मौजूद है लेकिन ये matter नहीं करता की आप कौन सा network try करते है ,क्योंकि आप सभी network इस्तमाल करने के बाद पाएंगे की AdSense ही सबसे best नेटवर्क  है.
जब मैंने blogging start किया तब “AdSense” मुझे विदेशी concept लग रहा था . जब मैंने पहली बार Google AdSense पर sign up किया तो मुझे अपने एक friend से help लेनी पड़ी क्योंकि मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था की मैं सब कुछ सही कर रहा हूँ की नहीं .
जो नए है और AdSense के बारे में कुछ भी नहीं जानते उन्हें मैं बता दूँ की AdSense एक विज्ञापन दाता प्रोग्राम है publishers के लिए ,जो Google द्वारा शुरू किया गया है जिसमे contextual ads आप के ब्लॉग/वेबसाइट पर लगाया जाता है and जब कोई आप के ads को click करता है तो आप को उसके पैसे मिलते है.
इस post के द्वारा मैं उन लोगों को Adsense account बनाना सिखाऊंगा जो नए है and बिल्कुल भी नहीं जानते है की कैसे Adsense account बनाया जाता है.
Google AdSense पर account बनाने के लिए कुछ आवश्यक बातों का ध्यान रखें उसके बाद ही apply करें.
First ,आप के पास website/blog होना चाहिए and आप की age 18 years या उससे ज्यादा होना चाहिए अगर आप 18 साल के नहीं है तो आप अपने माता -पिता या अभिभावक से पूछ करके उनके नाम से भी account बना सकते है.
दूसरी चीज़ यह की आपका ब्लॉग लगभग 6 महीने  पुराना होना चाहिए.

Adsense account बनाने के लिए कुछ steps:

Adsense ने हाल ही में अपने account approval process में कुछ बदलाव किये है जिसमे निम्नलिखित बातें शामिल है –
  1. पहले AdSense पर sign up करें.
  2. उसके बाद adsense ads को अपने ब्लॉग पर लगाएँ.
  3. प्रतीक्षा करें अपने account की समीक्षा करने का की आप का account स्वीकार या अस्वीकार किया गया है या नहीं.
हालाँकि नया Adsense approval process बहुत ही लंबा है फिर भी अगर ultimately देखें तो यह सभी users के लिए AdSense की गुड़वत्ता को बनाए रखने के लिए सही भी है.
ये भी important है की आप सुनिश्चित कर लें की आप का ब्लॉग स्थायी रूप से AdSense policies का पालन करता है की नहीं, और हाँ Adsense के terms and conditions को भी अच्छे से पढ़ लें जो sign up पेज में दिया रहता है .

Step-by-Step Guide की कैसे Adsense account बनाए :

सबसे पहले आप Adsense signup पेज में जाइये and वहां पर आप नए google account बनाने का option देखेंगे  या आपका पहले से ही बना हुआ Google account को उपयोग करने के लिए choose करें, यदि आप के पास domain-specific email address है तो मैं suggest करूँगा की आप यही choose करें.
अगर आप के पास नहीं है तो अपने मौजूदा email adddress से Adsense account पर signup करें.
नोट : मैंने आज के date में बहुत से shouters को domain-specific email address में अधिक सफलता प्राप्त करते हुए देखा है.
यह फॉर्म भरना बहुत ही simple  है आप को बस  आवश्यकता है अपने वेबसाइट का address and content language enter करने की जैसा उपर चित्र में दिखाया गया है.
Website URL की जगह अपने ब्लॉग का address डालें and sure कर लें की आप ने बिना HTTP:// के अपने वेबसाइट का नाम add किया है
.फॉर्म में दिया गया “payee name” बहुत ही महत्वपूर्ण होता है .
आप जो भी payee name भरें वो जरुर check कर लें की यह आप के बैंक account user name के सामान हो क्योंकि Adsense आप को इसी नाम पे check या  EFT payment भेजेगा .
अगर आप ने गलती की तो इसे सुधारने में बहुत से देशों के account को  problem होती है इसमें India भी आता है. आप यहाँ जा कर चेक कर सकते है की कौन कौन सा देश account बनाने के बाद payee name change नहीं कर सकता . So सुनिश्चित कर लें की आप का Adsense payee name और बैंक account का नाम same हो .
उसके बाद अपना contact information और अन्य details को भर लें.
उसके  बाद  “submit” बटन पर click करें ,उसके बाद next पेज खुलेगा जिसमे आप अपने सारे details को देख लें की ठीक से भरा है की नहीं .

आप अपने मौजूदा email पता signup के लिए use कर सकते है या आप Adsense के लिए  नया gmail ID बना सकते है .अगर  जल्दी  approval चाहते है तो मै suggest करूँगा की आप  ZohoMail का use करें और free में  domain-specific email address बना लें.
एक बार Google Adsense में signup करने के बाद आप को जरुरत होती है AdSense codes को अपने ब्लॉग में लगाने की. उसके बाद Adsense team आप के application को दुबारा परखती है. उसके बाद आप का account activate हो जाता है और इसके बाद आप को Adsense pin भेजा जायेगा.
इन सब प्रक्रिया में लगभग एक से दो महीने लगते है और time आप के geographical location पे depend करता है.
एक बार सब कुछ set हो जाने के बाद Adsense आप को paid करने के लिए दो जानकारी और मांगती है.
  • Submit your tax information
  • Enter your pin
अब आप को अपना  tax information submit करने की आवश्यकता होती है यह depend करता है की  कैसे आप business करने के हकदार है.

AdSense Pin:आप को आपका Adsense pin आप के registered ईमेल account में भेज दिया जायेगा. जब आप का Adsense account $10 या उससे ज्यादा तक पहुँच जायेगा, इस Adsense  पिन को आप अपने  Adsense account  में डालें. उसके बाद आप Adsense द्वारा payment पा सकते है जब भी आप का account $100 या उससे ज्यादा  पहुंचा करेगा 



Google AdSense में Address कैसे Verify करे: With Pin और Without Pin

अगर आपने Google Adsense में अपना account बना लिया हैं तब आप आगे पढ़े.
जब आप AdSense से अपने पहले $10 कमा लेते हैं तो वो आपको एक Pin भेजते हैं आपके registered address पर. यह pin हर एक AdSense account के लिए unique होती है और वह ये pin आपके address तक कूरियर से भेजते हैं. जब भी आप अपने Verification Threshold तक पहुँच जाते हैं तो उसके कुछ एक-दो दिन बाद AdSense वाले आपके pin को mail से भेज देते हैं.
अपने AdSense के account को पूरी तरह से verify करने के लिए pin verification ज़रूरी है. यहाँ पर अलग-अलग countries के लिए Pin verification threshold दिया हुआ है:

आपके पास pin को अपने AdSense account में add करने के लिए चार महीने होते है उस तारिक से जब आपकी पहली AdSense verification pin generate होती है. यदि आप उस pin को चार महीने के बाद भी enter नहीं करते तो AdSense आपकी website या blog पर अपनी ads दिखाना बंद कर देता है. जानने के लिए ज़रूरी चीज़ें:
  • एक बार आपका AdSense account verification threshold तक पहुँच जाये तो pin generate हो और आपको mail की जाये, इसके लिए आपको एक हफ्ते का इंतज़ार करना पड़ेगा.
  • PIN को अकसर आप तक पहुँचने के लिए चार हफ़्तों तक का समय लग सकता है, फिर भी आपकी location के हिसाब से इसे अधिक समय भी लग सकता है.
  • यदि आप अपनी pin को चार हफ़्तों के बाद भी receive नहीं करते, आपको एक नईं pin के लिए request करना पड़ेगा. उस तिथि को जानने के लिए जब आप एक नईं pin को request कर पाएंगे, अपने AdSense account में login कीजिये, और Home तब के under Account Settings page को देखिये.
पर कई बार ऐसा होता हैं की आपको PIN नहीं मिलता हैं. आम तौर पर location के कारण (ख़ास तौर पर यदि आप देश के रिमोट हिस्से में रह रहें हैं), आप शायद reapply करने के बाद भी AdSense pin को receive न करें.

एक नईं AdSense pin के लिए कैसे request करें?



  • Verify AdSense Link पर click कीजिये.
  • Page के bottom पर नए AdSense pin के लिए request कीजिये.
याद रखिये कि सभी pins, जो pin आपको सबसे पहले भेजी गयी थी, उसकी ही duplicate होंगी. यदि आप उस pin को नयी pin को request करने के बाद भी प्राप्त करते हैं तो आप उसको अपने AdSense account को verify करने के लिए use कर सकते हैं.
AdSense Help के अनुसार, एक AdSense verification pin को receive करने के लिए एक user के पास ज्यादा से ज्यादा 3 मौके ही होते हैं.
यदि आपने अपने इन तीनों मौको का इस्तेमाल कर लिया और फिर भी अभी आपने pin को receive नहीं किया अपनी last pin request करने के चार हफ़्तों के बाद भी, तब आपके पास एक option होता है अपने AdSense account को Government Approved ID card को upload करके verify करने का.
Indian users के case में आप आधार card का इस्तेमाल कर सकते हैं. बस याद रखें जिस भी ID proof को आप upload कर रहें हों उस पर वही address होना चाहिए जो आपने अपने AdSense account में fill किया हो.
दुसरे देशों के लिए, आप अपनी government approved documents की scanned copies को upload कर सकते हैं. आप इसके लिए Bank statement या अपनी telephone statement का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. यदि आपके पास एक पासपोर्ट है तो आप use भी अपने AdSense account को verify करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं.
आधार एक 12 digit individual identification number (Aadhar card) है जोकि भारतीय सरकार के behalf में Unique Identification Authority of India issue करती है. यह number आपकी identity और address का Indian में कहीं भी एक proof की तरह माना जायेगा.
यदि अभी भी आपके पास आपका आधार card नहीं है तो मैं आपको सुझाव देता हूँ कि आप इसे जल्दी से बनवा ले क्योंकि यह बहुत सरकारी कार्यों में आपकी मदद भी करेगा. यदि आपके पास एक International passport है तो वो भी आपकी AdSense pin की verification की जगह पर इस्तेमाल कर सकते हैं.

AdSense account को आधार card या मान्यत documents को upload करके verify करने के आसन steps:

इससे पहले की आप शुरू करें, अपने आधार card की एक scanned copy तयार रखें. इस बात का ध्यान रखें कि आपकी scanned copy की quality बढ़िया हो. आप इस काम को करने के लिए फ्री mobile apps जैसे कि Scannable का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इस scanned फाइल को एक PDF फाइल के रूप में save कर लें.

अब इन steps को follow कीजिये:
  1. अपने AdSense account में जाईये. अपने dashboard में login कीजिये.
  2. ID verification के section में जाईये.
  3. अपनी सभी सही details को देते हुए, form को fill कर दीजिये.
  4. अपनी Publisher ID को अपने साथ में ही रखें क्योंकि आपको उसको form में भरने की ज़रुरत पड़ेगी.
  5. PIN की जगह documentation से verify करने के लिए option आपको यहाँ नीचे मिल जायेगा.
  6. Upload document पर click कीजिये और फिर PDF फाइल को upload कर दीजिये.
  7. Submit button पर click कर दीजिये.
इसके बाद आपको AdSense टीम के reply के लिए इंतज़ार करना होगा. इसको 30 minutes का समय लग सकता है. आपका account फिर verify हो जायेगा और फिर आपके पास आपकी earnings का complete access होगा और एक बार आप अपने payment threshold पर पहुँच जायेगें तो आपको pay कर दिया जायेगा.



























































Monday, 26 June 2017


free bloging kaise kare 

कैसे बनाए – Blogging  जानकारी

एक Blog Basically एक ‘Weblog’ है, एक तरीके की Website, जो की Daily Update होती है. ये एक Content Storage के साथ साथ एक Discussion Platform भी है. लोग एक Blog में किसी भी Topic पे Discussion कर सकते हैं और Comments कर सकते हैं. यह Basically किसी Individual या फिर किसी Small Group के Through चलाया जाता है.मैं आज Free Blog कैसे बनाए इसके बारे में Details में बताऊंगा. 

Blogging

हर वो Activity और Skillset, जो किसी Blog को Manage करने के लिए Required है, वो Blogging के अंदर आती है. For Example, Posts लिखना, उन्हें Publish करना,Designing करना, Social Marketing करना, Etc. Simple Words में, Blogging एक Process है जिसमे हम एक Blog में New Contents Add करते हैं, और उन्हें Regularly Update करते हैं.
  • Blogger (Person) : Blogging की Process में Involved हर Person Blogger कहलाता है.
  • Blogger (Service) : ये Google के द्वारा दी जाने वाली एक Service है जो की हम Post बनाने में, उसे Edit करने, उसे Update करने और Manage करने की Facility देती है. आप अपने Blogs को Blogger की Help से Easily Customize कर सकते हैं. ये आपको आपके मन की बातें Share करने में और Money Earn करने में Help करता है. ये New Users के लिए एक बहुत अच्छा Platform है, इसमें Technical Knowledge की भी जरुरत नहीं है. ये Directly Google Servers द्वारा Manage होता है और इसे Hack करना Impossible है.
  • WordPress : ये एक Free Software है जो की एक Search Engine Friendly Blog या Website Create और Customize करने में Help करता है. इसमें बहुत सारि Themes And Plugins Available हैं. 70 Millions से भी ज्यादा लोग WordPress के Members हैं. WordPress Free और Premium Plans दोनों में Available है.
  • Blogspot : Blogspot एक Free Web Hosting Service है जो की Google की तरफ से Web Developers के लिए एक Gift है. ये Google Bloggers को उनकी Service Deliver करने में Help करता है.हम इसे Use करने के लिए कोई और Platform Use नहीं कर सकते.
  • Tumbler − ये एक Microblogging Platform है जो की Blog Create और Customize करने की Facility देता है.इसमें हम Stories, Images, Videos, Audio, Etc. Use कर सकते हैं. Bloggers अपना Blog Private भी रख सकते हैं, और दूसरे Bloggers को Follow भी कर सकते हैं.

Blogging करने के फायदे



  • बेहतर Online Influence. ये एक Better Profile पाने के लिए Impression बनाने में Help करता है.
  • ये एक बहुत अच्छी Source Of Income है. Achhikhabr,Labnol,Shoutmeloud जैसे Blog Par Month लाखों Earn करते हैं.
  • Blog Maintain करने से आपकी Writting Skills Improve होती हैं.एक Blogger Easily एक Published Author बन सकता है.
  • आप Comments, Shares के रूप में Instant Feedback पा सकते हैं.
  • Bloggers बहुत अच्छे Learners होते हैं, क्युकी उनका ज्यादा Time Read और Write करने में Spend होता है.
  • आप बहुत सरे Fans पा सकते हैं.
  • Blogs आपको Strong Networks बनाने में Help करते हैं.
  • एक Blog Maintain करने से आप WordPress, SEO Etc. में अपनी Technical Skills Improve कर सकते हैं.
  • Blogs एक बहुत अच्छे Virtual Stores हैं. यहाँ आप Online Sale का काम भी कर सकते हैं.
  • Blogging अपने Ideas को Inspiration Means के द्वारा Express करने का एक बहुत अच्छा तरीका है.

Free Blog कैसे बनाए Step By Step Guide

Step 1 – अपने Blog के लिए Best Niche/Topic Choose करें
Step 2 – Correct Platform का चुनाव करें
Step 3 – Domain Name खरीदें
Step 4 – अपने Blog को Design करें
Step 5 – अपने Blog पर Important Page Add करें
Step 6 – Write Your Articles/Posts
Step 7 – अपने Blog की Marketing And Branding करें.
Step 8 – Learn SEO(Search Engine Optimization)
Step 9 – Monetize Your Blogs(Blog से पैसे कमाए )
Step 10 – अपने Blogs की Traffic Improve करें

WordPress की Help से Free Blog कैसे बनाए

आप बहुत से Platforms पे Blog बन सकते हैं. ये Blogs Free भी हो सकते हैं और Paid भी. यहाँ मैं बताने जा रहा हूँ की WordPress में Free Blog कैसे बनाए.
  • WordPress.Com पे अपना Account बनाएं.अपना नाम, Email, और Other Required Details Fill करें.
                      



  • एक Web Address Select करें. ये Free भी हो सकता है और Premium भी.
                         

  • एक Suitable WordPress Plan चुनिये.
               



  • अपनी Profile Set करें और अपना एक Profile Page बनाएं.
             


  • Site की Settings Maintain करें जैसे Site Title और Tagline.



So, Friend हमने Wordpress.Com का Use करके Blog बनना तो सीख लिया 

आपको Blogger से भी Blog बनना सिखाता हूँ.

Blogger के Help से Free Blog कैसे बनाए



Blogger.Com एक Popular Platform है जो की Posts बनाने और Publish करने में Use होता है. आज इस Post में मैं बताने जा रहा हूँ  की Blogger में Free Blog कैसे बनाए.यह नीचे  दिए गए 
Steps Follow करें :
  • Blogger.Com पर Sign Up करें और एक Account बनाएं.
  • अपने Blog का Title और URL Choose करें. अगर जरुरत हो तो उसे Verify करें.
  • दिए गए Options में से एक Desired Template चुनें.
  • Display Name डालें और “Create Blog Now” पे Click करें.
    • अब “Posting” Tab Open होगा. यहाँ अपने Post Create And Edit करें, और Page Edit करें.







  • “Title” Tab पे अपने Post का Title डालें.
  • बाकि के Post आपके “Compose” Text Editor में जायेंगे. आप अपने Posts के Fonts, Size, Text Color Etc. को Edit कर सकते हैं,Edit HTML Option से आप अपने Contents HTML Format में डाल सकते हैं.
  • “Post Option” Select करें अगर आप Readers Comments को Enable करना चाहते हैं.
  • सब हो जाने पर Save करें. इसके बाद आप अपने Post का Preview देख सकते हैं. इसके बाद Post को Publish कर दें.

Blogs Promotion


Blog को Promote करने के लिए ये Steps Follow कर सकते हैं :
  • अपने Blog को Facebook,Twitter,Google+ से Connect कर के Auto Sharing Enable करें.
  • Quality Contents Post करें और Regularly Post करें.
  • Search Engine Friendly Contents Post करें.
  • Readers से Feedback पाने के लिए Email Option Enable करें.
  • Mail Signatures में अपनी Blog Link Use करें.
  • Site Feed Enable करें, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग आपके Contents को Subscribe करें.
  • दुसरो के Posts पे ज्यादा से ज्यादा Comments करें, इससे आपकी Profile को बहुत ज्यादा Exposure मिलता है और लोग आपके Posts की तरफ Attract होते हैं.
  • अपने Blogs को Blogger’s Listing में Add करें.
  • Blog Directories में अपना URL Submit करें.
  • Online Forums में Participate करें.
  • Branding के लिए Social Media का Use करें.
  • अपने Blog पे Contests Organize करें.
  • Multi Pages Post कर के उन्हें Link कर दें.

Blogs Comment







Blogs पे Comment करना एक Art है. आपको बहुत सारे Efforts लगा कर ऐसे Comments करने होते हैं जो की Readers की Attention पा सकें.
  • Readers को Attract करने के लिए Attractive Phrases और Exclamation Marks Use करें.
  • जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी Comment करें, क्युकी Starting के Comments को ज्यादा लोग पढ़ते हैं.
  • Over Promoting से खुद को बचाएँ.
  • Rude न बने और Offensive (Abusive) Words का Use ना करें.
  • अपने Comments में Questions Include करें, इससे लोग ज्यादा Attract होते हैं.
  • Articles Update कर के Influencing bane




हमारे दोस्तों यदि आपको ब्लॉगिंग के बारे में और भी जानकारी चाहिए तो पढ़ते रहीये हमारे ब्लॉग 
धन्यवाद 























Saturday, 24 June 2017

tally gyaan

Tally ERP 9 Notes Hindi










hi friends aaj ke date me tally ek commercial software hai jiska use lagbhag har industry kar raha hai hum kuchh ese hi software ke bare jankari dene ja rahe hai

isse pahle hume accounting ke bare janna hoga to suru karte hai 

Introduction to Accounting

Objective :-
  • अकाउन्टिंग क्‍या है?
  • अकाउन्टिंग के महत्‍व क्‍या है?
  • अकाउन्टिंग के डेफिनेशन
  • अकाउन्टिंग के रुल्‍स और प्राकार

Accounting

अकाउन्टिंग यह एक प्रोसेस है, जिसमें बिज़नेस की आर्थिक जानकारी को समझना, रिकॉर्ड करना, सारांश निकालना और रिपोर्ट बनाया जाता है जिससे फाइनेंसियल स्टेटमेंट्स के रूप में निर्णय लेने में आसानी होती है।

Advantages of Accounting :-

निम्नलिखित अकाउन्टिंग के एडवांटेज है –
1) अकाउन्टिंग से हमे किसी विशेष पीरियड में प्रॉफिट या लॉस हुआ है यह समझ सकते हैं।
2) हम बिज़नेस के फाइनेंसियल पोजिशन को समझ सकते हैं
  • बिज़नेस में हैं कितनी संपत्ति है।
  • बिज़नेस पर कितना ऋण है।
  • बिज़नेस में कितनी कैपिटल है।
3) इसके अलावा, हम अकाउन्टिंग रखने से बिज़नेस के लाभ या हानि के कारणों को समझ सकते हैं।
ऊपर दिए गयें फायदों से हमें आसानी से यह समझ में आता है की अकाउन्टिंग बिज़नेस की आत्मा है।


Definition In Accounting

अकाउन्टिंग सीखते समय हमें नियमित रूप से कुछ शब्दों का प्रयोग करना पडता है। तो पहले हम इन शब्दों के अर्थ समझते है –
1) Goods :- माल को बिजनेस में नियमित और मुख्‍य रूप से खरीदा और बेचा जाता हैं। उदाहरण के लिए – एक किराना दुकान में साबुन, तेल आदि गुडस् हैं। मुनाफे की खरीद और माल की बिक्री पर निर्भर करता है।
2) Assets :- ऐसेट्स कीमती चीजें होती है, जो बिजनेस के लिए आवश्यक होती है और बिजनेस की संपत्‍ती होती है। उदाहरण के लिए- बिल्‍डींग, वेइकल, मशीनरी, फर्नीचर।
3) Liabilities :- लाइअबिलटीज़ दुसरों द्वारा बिजनेस को दि जाती है है। उदाहरण के लिए – बैंक से लिया गया लोन, क्रेडिट पर माल की खरीद।
4) Capital :- कैपिटल याने पूंजी जो बिजनेस के मालिक द्वारा किया गया निवेश होता है। यह कैपिटल कैश, गुडस् या ऐसेट्स के रूप में होता है। जब की यह कैपिटल बिजनेस के मालिक द्वारा इन्वेस्ट किया गया है, तो बिजनेस के अनुसार यह कैपिटल भी एक लाइअबिलटीज़ होती है|
5) Debtor:- जिससें बिजनेस को निश्चित राशि लेनी होती है उसे डेब्‍टर कहा जाता है|
6) Creditor :-  जिन्‍हे हमारे बिजनेस को निश्चित राशि देनी होती है है उन्‍हे क्रेडिटर कहा जाता है।
7) Business Transaction :- एक वित्तीय घटना है जो बिजनेस से संबंधित है और जिसका प्रभाव कंपनी की वित्तीय स्थिति पर पडता हैं। उदाहरण के लिए – माल की खरीद, वेतन, क्रेडिट पर माल को बेचना।
8) Cash Transaction :- जो ट्रैन्ज़ैक्शन नकदी में किए जाते है उन्‍हे कैश ट्रैन्ज़ैक्शन कहा जाता है।
9) Credit Transaction :- जो ट्रैन्ज़ैक्शन क्रेडिट पर किए जाते है उन्‍हे क्रेडिट ट्रैन्ज़ैक्शन कहा जाता है।
10) Account:-  अकाउन्ट किसी ट्रैन्ज़ैक्शन का स्टेट्मन्ट होता है, जो किसी ऐसेट्स, लाइअबिलटीज़, आमदनी या खर्चे को प्रभावित करता है|
11) Ledger :- लेजर एक बुक होता है जिसमें पर्सनल, रियल या नॉमिनल के सभी अकाउन्‍ट होते है, जिनकी एंन्‍ट्री जर्नल या सहायक पुस्‍तीका में होती है|

Types of Accounts:

1) Personal Accounts:- सभी व्यक्ति, सोसायटी, ट्रस्ट, बैंक और कंपनियों के खाते पर्सनल अकाउन्‍ट हैं। उदाहरण के लिए – sachit  A/c, pinki Sales A/c, kapil Traders A/c, Bank of jharkhand A/c.
2) Real Accounts:- रियल अकाउन्‍ट में सभी ऐसेट्स और गुडस् अकाउन्‍ट शामिल है। जैसे – Cash A/c, Furniture a/c, Building A/c.
3) Nominal Accounts:- बिजनेस से संबंधित सभी आय और खर्च नॉमिनल अकाउन्‍ट के अंतर्गत आते है। उदा – Salary A/c, Rent A/c, Commission A/c, Advertisement A/c, Light Bill A/c.

Golden Rules of Accounts:

ट्रैन्ज़ैक्शन करते समय, हमें डेबिट या क्रेडिट साइड का फैसला करना होता है। इसके निम्नलिखित नियम हैं –
Personal Accounts:- Debit : The Receiver or Debtor Credit : The Giver or Creditor
Real Accounts: Debit : What comes in Credit : What goes out
Nominal Accounts: Debit : All Expenses & Losses Credit : All Incomes & Gains

Double Entry System of Book Keeping:

प्रत्येक ट्रैन्ज़ैक्शन व्‍यापर पर दो तरीके से प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए,
  1. a) गुडस् कैश मे खरीदा – इस ट्रैन्ज़ैक्शन में गुडस् बिजनेस मे आ रहा है लेकिन उसी समय बिजनेस से कैश बाहर जा रही है|
  2. b) गुडस् क्रेडिट पर दत्‍ता ट्रेडर्स को बेचा – इस ट्रैन्ज़ैक्शन मे गुड्स बिजनेस से बाहर जा रहा हैं आणि उसी समय दत्ता ट्रेडर्स हमारे कारोबार का देनदार हो जाता है|
डबल एंट्री सि‍स्‍टम के अनुसार – ऐसे सभी बिजनेस ट्रैन्ज़ैक्शन को अकाउंट मे रिकॉर्ड करते समय इसके दो पहलू होते है Debit aspect (receiving) और Credit aspect (giving).

Chapter – 2

Introduction to Tally.ERP 9


Objective :- Ø  टैली पैकेज का परिचय Ø  टैली पैकेज की फीचर्स Ø  टैली स्क्रीन का परिचय
Introduction: Tally ERP 9 Notes Hindi. Tally.ERP 9 दुनिया का सबसे तेज और सबसे शक्तिशाली समवर्ती बहुभाषी बिजनेस अकाउंटींग और इनवेंट्री मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर है। Tally.ERP 9 को छोटे और मध्‍यम बिजनेस की जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष्‍ज्ञ रूप से डिजाइन किया गया है| यह पूर तरह से इंटिग्रेडेट सस्‍ती और अत्‍यंत विश्‍वसनीय है| Tally.ERP 9 को खरीदना आसान है, फास्‍ट इन्‍स्‍टॉल होता है और सिखने और उपयोग करने के लिए आसान है| Tally.ERP 9 को आपके व्‍यापर के सभी बिजनेस ऑपरेशन जैसे sales, finance, purchasing, inventory और manufacturing को स्‍वचालित और एकीकृत करने के लिए बनाया गया है| अब Tally.ERP 9 के नए वर्जन में रिमोट एक्‍सेस से कही भी काम कर सकते है| यह audit और compliance सर्विस, इंटीग्रेडेट सपोर्ट और सिक्योरिटी मैनेजमेंट प्रदान करता है| इसके शक्‍तीशाली फीचर्स और स्‍पीड और टैली इआरपी 9 की पावर के साथ बढी हुई MIS, Multi-lingual, Data Synchronization और Remote की क्षमता आपके बिजनेस की प्रोसेस को और भी आसान करता है और लागत को प्रभावी ढंग से कम करता है|

Features of Tally ERP 9 Notes Hindi:

Tally ERP 9 Notes Hindi. टैली इआरपी 9 में नए फीचर्स को शामिल किया गया है –
  • Remote Access:
टैली इआरपी9 कहीं से भी रिमोट के व्‍दारा डेटा एक्‍सेस करने की क्षमता प्रदान करता है| इस फचर से युजर रिमोट युजर आईडी बनाता है, अधिकृत करता है और रिमोट एक्‍सेस करने कि अनूमती देता है|
  • NET (to be read as Tally.NET)
Tally.NET डिफ़ॉल्ट रूप से अनुकूल माहौल बनाता है, जो इंटरनेट पर आधारीत विभिन्‍न् सेवाओं की सुविधा के लिए पीछे से काम करता है| हर एक टैली इआपी9 इस .नेट की सर्विस के लिए इनेबल होता है| टैली.नेट निम्‍नलिखित सेवाओं/क्षमता को प्रदान करता है – Tally.NET के फीचर्स :
  • रिमोट युजर बनाना और उन्‍हे मेंटेन रखना
  • रिमोट एक्सेस
  • रिमोट सेंटर
  • सपोर्ट सेंटर
  • (Tally.NET) के माध्यम से डेटा का सिंक्रोनाइजेशन
  • प्रोडक्‍ट अपडेट और अपग्रेड

  • Simplified Installation process
टैली इआरपी9 एक नए सुधारीत इन्‍स्‍टॉलर के साथ आता है, जो युजर को आवश्यकताओं के अनुसार एक ही स्‍क्रीन से अलग अलग सेटींग को कॉन्‍फीगर करने की अनूमती देता है|
  • Control Centre
कंट्रोल सेंटर यह नया फीचर टैली इआरपी9 में शामिल किया गया है| यह युटीलीटी अलग अलग जहग पर इन्‍स्‍टॉल टैली और युजर के बिच इंटरफेस करती है| कंट्रोल सेंटर के मददत से आप –
  • पूर्वनिर्धारित सिक्योरिटी के स्तर के साथ यजर बना सकते है
  • सेंट्रली टॅली इआरपी9 को मॅनेज और कॉन्‍फीगर कर सकते है
  • साइट पर सरेंडर, कन्फर्म या रिजेक्‍ट कर सकते है
  • अकाउंट से संबंधित जानकारी को बनाए रख सकते है

Enhanced Look & Feel:

Resizing Screens युजर टैली की स्‍क्रीन या विंडो को अपने हिसाब से रिसाइज कर सकते है| यह रिसाइज के मापदंट जैसे ऊंचाई और चौड़ाई tally.ini फाइल में परिभाषित होती है| इस तरह से स्‍क्रीन का आकार बदलके युजर विभिन्‍न्‍ कंपनियों के समान रिपोर्ट की तुलना कर सकता है| Multiple Selection capabilities युजर एक रिपोर्ट में कई लाइनों को एक साथ सिलेक्‍ट कर सकता हैं और रिपोर्ट की आपश्‍यक्‍ता के आधार पर इन्‍हे डिलीट या हाइड कर सकता है| Information panel इन्‍फॉर्मेशन पॅनल टॅली ने निचले भाग में होता है| इसमे पांच ब्‍लॉक होते हैं Product, Version, Edition, Configuration और Calculator|
  • Calculator
डाटा सिंग और रिमोट कनेक्‍टीवीटी के दौरान यह कनेक्‍श्‍न स्‍टेटस को दर्शाता है| यह कैलक्यूलेटर के रूप में भी काम करता है|
  • Enhanced Payroll Compliance
टैली इआरपी 9 अब पेरोल अधिक सरल आणि बिजनेस के सारे अकाउंटींग फंक्‍शन को अधिक कार्यक्षम बनाये गए है| इसका एडवांस वैधानिक फीचर और प्रोसेस को बेहतर, तेज और सटीक बनाया गया है|


लेखा वाउचर वित्तीय लेन - देन का विवरण युक्त दस्तावेज है। टैली  ERP 9 में मुख्य  रूप से निम्नलिखित वाउचर का उपयोग किया जाता है।
·         
  • कॉन्ट्रा वाउचर - Contra Voucher (F4)
  • भुगतान वाउचर - Payment Voucher (F5)
  • रसीद वाउचर - Receipt Voucher (F6)
  • जर्नल वाउचर - Journal Voucher (F7)
  • बिक्री वाउचर / चालान - Sales Voucher /Invoice (F8)
  • क्रेडिट नोट वाउचर - Credit Note Voucher (CTRL+ F8)
  • खरीद वाउचर - Purchase Voucher (F9)
  • डेबिट नोट वाउचर - Debit Note Voucher (CTRL+ F9)
  • रिवर्सिंग जर्नल्स - Reversing Journals (F10)
  • मेमो वाउचर - Memo voucher (CTRL+ F10)


इसके अलावे भी कुछ वाउचर हम आवश्यकतानुसार अपनी तरफ से बना सकते है। 


लेखांकन (Accounting ) के नियम के अनुसार,

कॉन्ट्रा वाउचर में सिर्फ उसी लेनदेन (transaction ) का जिक्र किया जाता है जिसमें कैश अकाउंट और बैंक अकाउंट शामिल होता है। जैसे:

कैश एकाउंट से बैंक एकाउंट 
बैंक एकाउंट से कैश एकाउंट 
बैंक एकाउंट से बैंक एकाउंट

भुगतान वाउचर :
इसमें उन भुगतानों का जिक्र होता है जिसका हम बैंक या  कैश  के द्वारा करते हैं।

रसीद वाउचर :
इसका उपयोग कैश या बैंक एकाउंट में प्राप्ति को रिकॉर्ड करने के लिए होता है।

जर्नल वाउचर :
इसका उपयोग दो लेजर के बीच में एडजस्टमेंट के लिए किया जाता है।

बिक्री वाउचर / चालान 

इसका उपयोग सभी कैश  या क्रेडिट बिक्री के लिए किया जाता है। 

क्रेडिट नोट वाउचर 

इसका उपयोग विक्रय  वापसी (sales  return ) में किया जाता है। जब बिका हुआ माल वापस आता है तो हम खरीददार /कस्टमर को क्रेडिट नोट देते हैं।  बिज़नेस में वापस किये हुए माल के बदले में कैश भुगतान बहुत ही कम होता है। 

खरीद वाउचर

इसका उपयोग खरीद से संबंधित (कैश या क्रेडिट ) सभी प्रकार में किया जाता है। 

डेबिट नोट वाउचर 

इसका उपयोग क्रय वापसी (purchase return ) में किया जाता है। 

अब हम वाउचर एंट्री का उपयोग नीचे के उदाहरण के लिए करेंगे। 

शिवम कंप्यूटर के लेनदेन का विवरण (Transaction Details of Shivam Computer)

1-Apr
10,00,000 रुपये के साथ शिवम कंप्यूटर शुरू होता है। उसी दिन  100000 से भारतीय स्टेट बैंक में एक बैंक खाता खोलता है।
2-Apr
30,000 का फर्नीचर और 25,000 का  मशीनरी खरीदा।
3-Apr              
2,00,000 रुपये का सामान खरीदा।
4-Apr
25,000 रुपये का सामान बेचा।
5-Apr
50,000 रुपये के साथ IDBI बैंक में एक बैंक खाता खोलता है।
6-Apr
25,000 का सामान Micro Computer से खरीदता है।
7-Apr
33,000 का सामान Rajesh को बेचता है।
8-Apr
25,000 का कंप्यूटर अपने व्यवसाय के लिए खरीदता हैऔर SBI चेक के द्वारा भुगतान करता है।
9-Apr
20,000 रुपये का भुगतान Micro Computer को IDBI चेक द्वारा करता है।
10-Apr
32,500 रुपये नगद राजेश देता है। राजेश को 500 रुपये का छूट  देता है।
11-Apr
50,000 का सामान Computer World से उधार  में खरीदता है।
12-Apr
30,000 का सामान Rajendra को उधार में बेचता है।
13-Apr
5,000 का सामान Computer World को वापस करता है और SBI चेक द्वारा उसका बचा बकाया देता है।
14-Apr
15,000 का सामान Micro Computer से खरीदकर Raj Computer को 16,500 में बेचता है।
15-Apr
500 का सामान Raj Computers वापस करता है जिसे Micro Computer को वापस कर दिया जाता है।
16-Apr
25,000 SBI में और 10,000 IDBI में जमा करता है।
17-Apr
10,000 का सामान खरीदता है।
18-Apr
6,000 का सामान Digital Computer को नगद में बेचता है।
19-Apr
14,500 का चेक Raj Computers देता है जिसे IDBI बैंक में जमा किया जाता है।
20-Apr
10,000 का सामान नगद खरीदकर 11,500 नगद में बेचता है।
21-Apr
5,000 IDBI बैंक से मालिक के खुद के उपयोग के लिए निकालता है।
22-Apr
10,000 Micro Computer को SBI चेक द्वारा भुगतान करता है।
23-Apr
5,000 का Printer ऑफिस उपयोग के लिए खरीदता है।
24-Apr
20,000 का सामान Micro Computer से खरीदता है 15,000 का नगद भुगतान करता है।
25-Apr
1,000 का Telephone Bill IDBI चेक द्वारा भुगतान करता है।
26-Apr
1,500 जा Electricity Bill  का भुगतान SBI चेक द्वारा करता है।
27-Apr
25,000 का सामान बेचता है।
28-Apr
45,000 का सामान Ranjan Infotech से खरीदता है और उसे 25,000 देता है।
29-Apr
27,000 का सामान Infotech Computer को बेचता है.
30-Apr
10,000 ऑफिस का किराया और 15,000 वेतन का भुगतान करता है। 


नीति आयोग

                             नीति आयोग hi friends aaj aapko NITI yani National Institution for transforming India ke bare me batane ...